सुबह इरेक्शन ना होना क्या बीमारी का लक्षण है? – डॉक्टर से जानें.

बहुतेरे ऐसे कारण होते हैं जो हमारे शरीर के हार्मोंस को प्रभावित करते हैं जिसकी वजह से सुबह के समय में लिंग में तनाव उत्पन्न नहीं हो पाता है. यह एक सामान्य बात भी हो सकती है परन्तु अगर ऐसी स्थिति लम्बे समय तक बनी रहती है तो यह चिन्ता की बात जरूर हो सकती है और ऐसे में इस बात की सम्भावना से कदापि इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह स्थिति इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं. अतः ऐसी स्थिति में व्यक्ति के लिए किसी सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर से सम्पर्क कर उनसे उचित परामर्श प्राप्त करना निश्चित रूप से आवश्यक हो जाता है.

सुबह के समय में लिंग में तनाव क्यों उत्पन्न होता है

– बहुतेरे ऐसे पुरुष हैं जिनके लिंग में सुबह के समय में तनाव उत्पन्न नहीं होता है. अगर ऐसी स्थिति सप्ताह में दो से तीन दिनों की होती है तो यह एक सामान्य बात हो सकती है परन्तु अगर सुबह के समय में व्यक्ति का लिंग प्रायः तनाव से युक्त होता है तो यह एक बहुत ही अच्छी बात होती है क्योंकि यह इस बात का प्रमाण होता है कि उस व्यक्ति में स्वस्थ पुरुष के सर्वोत्तम गुण मौजूद हैं.

– जिन पुरुषों के लिंग में सुबह के समय में तनाव नहीं होता है तो उन्हें शर्मिंदगी की अनुभूति होती है क्योंकि सुबह के समय में लिंग में तनाव होना पुरुषार्थ का प्रतीक होता है. ऐसी स्थिति किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके किशोर वय में ही शुरू हो जाती है और लम्बे समय तक बनी हुई रहती है परन्तु बढ़ती हुई उम्र के साथ ही इस तरह की स्थिति में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से लिंग में तनाव होना कम हो जाता है.

– अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन के मध्य भाग में भी सुबह के समय में अपने लिंग में तनाव महसूस करता है तो इसका मतलब बहुत साफ है कि उस व्यक्ति की रक्त-वाहिकाओं में रक्त का प्रवाह बेहतरीन तरीके से प्रवाहित हो रहा है तथा इसके साथ ही उसका नर्वस सिस्टम भी बेहतरीन तरीके से कार्य कर रहा होता है जो कि एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान होती है जिसकी वजह से इस उम्र में भी सुबह के समय में उसे अपने लिंग में अनुकूल तनाव की अनुभूति होती है.

सुबह के समय में लिंग में तनाव क्यों नहीं उत्पन्न होता है.

– जिन व्यक्तियों के लिंग में सुबह के समय में तनाव उत्पन्न नहीं होता है और अगर ऐसी स्थिति लम्बे समय तक बनी रहती है तो यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छी बात नहीं होती क्योंकि डॉक्टर्स के अनुसार हफ्ते में दो-तीन दिनों तक ऐसा होना कोई गम्भीर बात नहीं होती परन्तु अगर ऐसी स्थिति एक लम्बे समय तक बनी रहती है तो यह निश्चित रूप से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के होने का लक्षण हो सकता है.

– वहीं दूसरी ओर अगर किसी व्यक्ति के लिंग में सुबह के समय में तनाव घंटों तक बना रहता है तो यह भी चिन्ता की बात हो सकती है क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दर्द की अनुभूति होती है जो कि अच्छी बात नहीं है. अतः ऐसी स्थिति में व्यक्ति के लिए किसी सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श प्राप्त करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है.

– सुबह के समय में जिन व्यक्तियों को अपने लिंग में तनाव की अनुभूति नहीं होती है तो यह निश्चित रूप से उसके नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से हो रहा होता है. सुबह के समय में लिंग के आसपास किसी भी प्रकार के स्पर्श से लिंग में तनाव उत्पन्न हो जाना बहुत ही स्वाभाविक होता है परन्तु अगर किसी व्यक्ति को ऐसी अनुभूति नहीं होती है तो यह निश्चित रूप से नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी के कारण ही हो सकता है

सुबह के समय में लिंग में तनाव का नहीं होना बीमारी का लक्षण हो सकता है.

– सुबह के समय में लिंग में तनाव की अनुभूति नहीं होना निश्चित रूप से यौन स्वास्थ्य से सम्बन्धित किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है. यह लैंगिक रूप से अस्वस्थ होने का प्रतीक है. अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से सुबह के समय में अपने लिंग को सुस्त अवस्था में पाता है तो यह निश्चित रूप से किसी प्रकार के यौन स्वास्थ्य से सम्बन्धित बीमारी का लक्षण हो सकता है. डॉक्टर्स ऐसी स्थिति को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शुरुआती लक्षण भी मानते हैं.

– इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की स्थिति में व्यक्ति के लिंग में अनुकूल तनाव और पर्याप्त कठोरता का सर्वथा अभाव हो जाता है जिसकी वजह से उसे अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है और वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त होकर अपनी जिन्दगी से मायूस हो जाता है.

– यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि जीवन में कभी-कभार सेक्स करने के दौरान यदि लिंग में अनुकूल तनाव उत्पन्न न हो तो इस बात को नजरअंदाज किया जा सकता है परन्तु अगर ऐसी स्थिति लगातार उत्पन्न हो रही होती हो तो यह यौन स्वास्थ्य की दृष्टि से एक बहुत ही गम्भीर समस्या हो सकती है और इसको किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए बल्कि किसी सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श प्राप्त कर इसका समुचित इलाज करवाना चाहिए.

टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी होने पर सुबह के समय में लिंग में तनाव की कमी हो जाती है.

– जब कभी भी किसी व्यक्ति के शरीर में अगर टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी उत्पन्न हो जाती है अथवा उसका स्तर कम हो जाता है तो उस व्यक्ति के मन में सेक्स करने के प्रति उत्सुकता बहुत ही कम हो जाती है और इस वजह से भी सुबह के समय में उस व्यक्ति को अपने लिंग में तनाव की अनुभूति नहीं  हो पाती है.

– टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन पुरुषों के शरीर में पाया जानेवाला मुख्य रूप से एक सेक्स हार्मोन होता है जिसका उत्पादन पुरुष के अंडकोष में होता है जो पुरुषों के मन में कामेच्छा के भाव को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से काम करता है तथा इसके साथ ही यह पुरुषों में सेक्स करने की क्रिया के भाव को पूरी तरह विकसित भी करता है.

– सुबह के समय में जब व्यक्ति को अपने लिंग में तनाव की अनुभूति नहीं होती है तो यह बात निश्चित हो जाती है कि उसके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी हो चुकी है अथवा उसका स्तर कम हो चुका है परन्तु जब कोई व्यक्ति सुबह के समय में अपने लिंग में बखूबी अनुकूल तनाव को महसूस कर रहा होता है तो यह इस बात का परिचायक होता है कि उस व्यक्ति का यौन स्वास्थ्य बहुत ही बेहतर स्थिति में है.

गुप्त रोग विशेषज्ञ के अनुसार कोई भी व्यक्ति सुबह के समय में अपने लिंग में तनाव को कैसे प्राप्त कर सकता है

– एक गुप्त रोग विशेषज्ञ के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जीवन में कई ऐसे महत्वपूर्ण कारण होते हैं जिनकी वजह से उस व्यक्ति को सुबह के समय में अपने लिंग में तनाव की कमी महसूस होने लगती है जिसमें सर्वप्रथम तो उस व्यक्ति की असंयमित और असन्तुलित जीवन-शैली ही प्रमुख रूप से जिम्मेवार होती है.

– अगर व्यक्ति अपनी जीवन-शैली को पूरी तरह नियंत्रित करने का और उसमें अनुकूल परिवर्तन लाने का प्रयास पूरी शिद्दत के साथ करता है तो वह निश्चित रूप से अपनी इस गम्भीर समस्या से निजात पाने में सफल हो सकता है और इस तरह के परिवर्तन से उसमें सुबह के समय में इरेक्शन नहीं हो पाने की समस्या का भी समाधान हो सकता है.

– हालांकि इस सम्बन्ध में भय, झिझक,  शर्मिंदगी और सहज संकोच को त्याग कर व्यक्ति को किसी सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराना बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि इस तरह की समस्याओं का उचित उपचार उन्हीं के हाथों सम्भव हो सकता है और व्यक्ति अपनी इस गम्भीर समस्या से निजात पाने में कामयाब हो सकता है.

संतुलित और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार को ग्रहण कर व्यक्ति अपनी इस समस्या से मुक्त हो सकता है.

– कोई भी व्यक्ति जिसे सुबह के समय में अपने लिंग में अनुकूल तनाव की अनुभूति नहीं होती है वह अगर अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में सन्तुलित आहार को ग्रहण करने पर बल देता है तो वह निश्चित रूप से अपनी इस गम्भीर समस्या को नियंत्रित कर पाने में कामयाब हो सकता है.

– स्वस्थ, सन्तुलित और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार को ग्रहण करने के पश्चात व्यक्ति के शरीर में रक्त-संचार बहुत ही बेहतरीन स्थिति में होने लगता है और व्यक्ति की लैंगिक शक्तियां भी काफी हद तक मजबूत हो जाती हैं तथा इसके साथ ही उसके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का उत्पादन भी प्रचुर मात्रा में होना शुरू हो जाता है और उसे सुबह के समय में अपने लिंग में अनुकूल तनाव की अनुभूति भी बहुत ही अच्छी तरह महसूस होने लगती है.

– स्वस्थ, सन्तुलित और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार को ग्रहण करने के पश्चात व्यक्ति के शरीर में रक्त-संचार पर्याप्त मात्रा में प्रवाहित होने के कारण उसका शारीरिक सौष्ठव भी बहुत ही आकर्षक हो जाता है तथा उसके शरीर में बेहतरीन हार्मोन का उत्पादन भी प्रचुर मात्रा में होना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसे गम्भीर गुप्तरोग की समस्या को भी नियंत्रित कर पाना बहुत ही आसान हो जाता है.

अत्यधिक धूम्रपान की वजह से भी सुबह के समय में लिंग में तनाव का अभाव हो जाता है.

– अत्यधिक धूम्रपान करने की वजह से सिगरेट में मौजूद निकोटीन से व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिसके कारण उसकी सेक्स करने की आन्तरिक क्षमता बहुत ही बुरी तरह प्रभावित होती है और उस व्यक्ति के लिंग की धमनियों में रक्त का संचार होना बाधित हो जाता है जिसके कारण उस व्यक्ति के लिंग में अनुकूल तनाव का सर्वथा अभाव हो जाता है.

– इसलिए व्यक्ति को अगर अपना यौन स्वास्थ्य बेहतर स्थिति में रखने की अभिलाषा हो तो उसे अविलंब ही अपनी बुरी आदतों का त्याग कर देना चाहिए. उसे अत्यधिक धूम्रपान और अल्कोहल के साथ ही किसी भी प्रकार की नशीली वस्तुओं का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि इन सभी चीजों का अत्यधिक सेवन करने से व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से वह अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाने में सर्वथा असहाय हो जाता है.

– कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति अगर अपने जीवन में अपनी दिनचर्या को पूरी निष्ठा के साथ संयमित और सन्तुलित करने का भरपूर प्रयास करता है तो वह निश्चित रूप से ऐसी गम्भीर समस्याओं को नियंत्रित कर पाने में कामयाब हो सकता है.

– उसे प्रतिदिन नियमित रूप से अपने जीवन में योग, ध्यान और व्यायाम को आवश्यक रूप से करना चाहिए. उसे किसी भी प्रकार के गम्भीर शारीरिक रोगों को भी नियन्त्रित करने का प्रयास करना चाहिए और इसके साथ ही उसे  सुखद नींद की प्राप्ति का प्रयास भी आवश्यक रूप से करना चाहिए.

– ऐसी कोशिशें निरन्तर करते रहने पर व्यक्ति प्रारम्भिक स्तर पर अपनी इस गम्भीर समस्या को नियंत्रित तो कर ही सकता है परन्तु इस रोग की गम्भीरता की वजह से उसके लिए किसी सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना भी नितान्त रूप से आवश्यक हो जाता है क्योंकि सिर्फ उन्हीं की सलाह से व्यक्ति अपनी इस गम्भीर समस्या से निजात पाकर अपने जीवन में यौन-सुख का भरपूर आनन्द प्राप्त कर पाने में कामयाब हो सकता है.


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